केंद्र ने दवा पर प्रतिबंध लगाया, हाई कोर्ट ने हटाया

केंद्र ने दवा पर प्रतिबंध लगाया, हाई कोर्ट ने हटाया

सेहतराग टीम

दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय दवा कंपनी वोकहार्ड की सूजन रोधी दवा ‘ऐस प्रोक्सीवोन’ पर केंद्र सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदी सोमवार को दरकिनार कर दी। इस दवा का उपयोग हड्डी और मांसपेशियों में दर्द से निजात के लिए किया जाता है।

न्यायमूर्ति विभू भाखरु की एकल पीठ ने दवा कंपनी की याचिका पर यह आदेश जारी किया। दवा कंपनी ने केंद्र सरकार की सात सितंबर, 2018 की उस अधिसूचना को चुनौती दी थी जिसमें 328 दवाओं के विनिर्माण, बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी गयी है।

कोर्ट ने पाया कि इस दवा पर प्रतिबंध लगाने में दिमाग का इस्‍तेमाल नहीं किया गया है और आदेश बिना जरूरी प्रक्रियाओं के पालन के जारी किया गया। हालांकि न्‍यायमूर्ति विभू बाखरू ने ड्रग टेक्‍न‍िकल एडवाइजरी बोर्ड की सब कमेटी को निर्देश दिया है कि वो इस दवा के बारे में फ‍िर से विचार करे और फाइजर लिमिटेड के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय गाइडलाइन के अनुसार फैसला करे। सब कमेटी को यह भी कहा गया है कि नए सिरे से विचार के बाद अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को दे। इस रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार आगे का फैसला लेगी।

स्वास्य मंत्रालय की इस अधिसूचना के खिलाफ दायर की गई यह पहली याचिका है जिसपर अदालत ने निर्णय लिया है। इसी मुद्दे पर कई अर्जियां अदालत के समक्ष लंबित हैं।

ग्लेनमार्क, अल्केम लेबोरेटरीज, ओबसर्ज बायोटेक, कोरल लेबोरेटरीज, लुपिन, मैनकाइंड फार्मा, कोये फार्मास्यूटिकल्स, मैक्लियोड्स और लेबोरेट समेत कई अन्य बड़ी दवा कंपनियां भी विभिन्न दवाओं पर पाबंदी के खिलाफ उच्च न्यायालय पहुंची हैं। ये दवाएं दर्द से निजात दिलाने से लेकर बैक्टेरियाई संक्रमण से मुक्ति दिलाने में उपयोग आती हैं। उनमें एंटीबायटिक दवा भी हैं। 

अदालत ने वोकहार्ड की याचिका पर पिछले साल 15 नवंबर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। कंपनी ने सितंबर में याचिका दायर की थी।

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